इस राह से गुजरने वालों का पथप्रदर्शक बनना चाहता हूँ ! इस राह से गुजरने वालों का पथप्रदर्शक बनना चाहता हूँ !
बिना रुके प्रयास करते जाना, कर्मपथ पर बढ़ते जाना। बिना रुके प्रयास करते जाना, कर्मपथ पर बढ़ते जाना।
विस्तृत कर लिया है मैंने अपनी सोच का क्षेत्रफल। विस्तृत कर लिया है मैंने अपनी सोच का क्षेत्रफल।
किसे मनाने चले हो तुम कौन तुम्हारा यहां अपना है ? पत्थर की इस दुनिया में, पत्थर जैसे किसे मनाने चले हो तुम कौन तुम्हारा यहां अपना है ? पत्थर की इस दुनिया में, ...
दुनिया छोटी, रुपए गोल बड़े हैं अनजानों में अपने सारे गौण खड़े हैं। दुनिया छोटी, रुपए गोल बड़े हैं अनजानों में अपने सारे गौण खड़े हैं।
महलों वाली रानी भी सुने, महलों के राजा भी सुने प्रजा बोल रही है, हमारी भी आवाज़ सुने नींव के पत्थर... महलों वाली रानी भी सुने, महलों के राजा भी सुने प्रजा बोल रही है, हमारी भी आवाज़...